जौनपुर,(एजेंसी)17 जून। सकरी सड़को और तंग गलियों वाली अपनी पहचान को यूपी का जौनपुर जिला अब पीछे छोड़ रहा है। सड़को से अतिक्रमण गायब है और रास्तों पर सवारियां आराम से गुजर रही है। भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात विभागों में सीसीटीवी कैमरों की निगाहे लग चुकी हैं और ये सब एक युवा अधिकारी की दृढ इक्षाशक्ति से संभव हुआ है।
जौनपुर जिले के एआरटीओ कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी सजग हैं। इसके लिए उनके द्वारा पूरे एआरटीओ कार्यालय को कैमरे की जद में ला दिया है। कार्यालय की कार्यशैली पर वह खुद नजर लगाए हुए हैं। अन्य कई कार्यालयों में भी कैमरे लगाने की तैयारी चल रही है। डीएम के कमरे में ही इस पूरी निगरानी की व्यवस्था है।
एआरटीओ कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी की तरफ से करीब डेढ़ माह पूर्व छापेमारी की गई थी। जिसमें उन्हें एआरटीओ कार्यालय में लापरवाही, लोगों से अवैध वसूली व दबंगों का कब्जा जैसी शिकायत मिली थी। अधिकारी व कर्मचारियों की जांच की गई थी। इसके बाद एआरटीओ कार्यालय में दबंगों व कर्मचारियों का विरोध व लापरवाही जारी रही।
इसको देखते हुए जिलाधिकारी ने एक लाख रुपये से करीब आठ सेट कैमरे लगा रखे है। एक साफ्टवेयर जिलाधिकारी के पर्सनल डेस्कटाप पर अपलोड किया गया है। जिसमें एक पासवर्ड व आर्डडी बनाई गई है। जिसको जिलाधिकारी ही खोल सकते है। इसे जिलाधिकारी के मोबाइल सेट पर भी डाला गया है। जिससे वह कहीं भी रहकर कार्यालय की गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे।
एआरटीओ आफिस के बाद जिलाधिकारी द्वारा कैमरा जिला महिला चिकित्सालय, सीएमओ कार्यालय व अन्य कार्यालयों में लगवाया जा रहा है। जिससे कर्मचारियों की लापरवाही व घूसघोरी को खत्म किया जा सके।
जौनपुर शहर की सड़को के अतिक्रमण को हटाने के लिए जिलाधिकारी भानु भास्कर गोस्वामी को काफी मशक्कत करनी पड़ी। कई विरोधो को झेलने और व्यापारी संगठनो से लम्बी वार्ता के बाद वे अपनी इस मुहिम में कामयाब हो सके। कभी डीएम के इन प्रयासों का विरोध करने वाले भी अब उनकी तारीफ कर रहे हैं।