नई दिल्ली,(एजेंसी)16 जून। आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी से जुड़ा विवाद उछलने से पहले ही कथित तौर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पीएम के सामने पिछले शुक्रवार को ही इस्तीफे की पेशकश की थी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर बीजेपी और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श किया था और उसके बाद उनके इस्तीफे की पेशकश को ठुकरा दिया गया था।
सूत्रों ने बताया कि रविवार को ललित मोदी के ट्रैवल डॉक्युमेंट से जुड़े ब्रिटिश सांसद कीथ वाज के ई-मेल्स पढ़े जाने से पहले चैनल ने सुषमा स्वराज को ई-मेल भेजकर कुछ सवाल पूछे थे और उनकी प्रतिक्रिया मांगी था। इस ईमेल के मिलने के बाद सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी थी।
सूत्र ने बताया कि मोदी ने अगले दिन बीजेपी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सीनियर नेताओं की मीटिंग बुलाई थी और यह विचार-विमर्श किया गया था कि इस मसले पर सरकार और पार्टी की रणनीति क्या होगी। सूत्र ने बताया कि सुषमा ने इस मीटिंग में अपना पक्ष रखते हुए साफ तौर पर कहा था कि वह नहीं चाहतीं कि उनकी वजह से सरकार को किसी तरह की शर्मिंदगी का सामना करना पड़े और वह इसके लिए इस्तीफा देने को भी तैयार हैं।
आरएसएस के नेताओं ने कहा कि सुषमा ने अपने ‘संदेश’ में साफ किया था कि ललित मोदी को किसी भी तरह की मदद ब्रिटने के कानून के मुताबिक ही किया जाए। इस मीटिंग में फैसला किया गया है कि पार्टी और सरकार सुषमा का बचाव करेगी।
इसी रणनीति के तहत रविवार को यह खबर आते ही पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने सुषमा स्वराज के समर्थन में बयान दिया। हालांकि, यह विवाद ब्रटिश अखबार संडे टाइम्स में पहले ही आ गया था लेकिन भारतीय मीडिया में यह मुद्दा रविवार को उछला।