लखनऊ,(एजेंसी)14 जून। यूपी में पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या के बाद शोक संतप्त परिवार को अपनी संवेदना व्यक्त करने उनके घर गए एक पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता पर उनके परिजनों को चुप रहने के लिए धमकाने का आरोप लगा है। ऐसा तब हुआ है जब इस घटना के खिलाफ पूरे देश में उठे रोष के बाद यूपी सरकार ने इसमें शामिल होने के आरोपों में दो अधिकारियों समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
जगेंद्र की पत्नी और बच्चों से मिलने के लिए शनिवार को शाहजहांपुर स्थित उनके घर गए एसपी नेता मिथिलेश कुमार के बारे में परिजनों और वहां आने वाले लोगों ने बताया कि मिथिलेश ने कहा, ‘मंत्री ऐसा काम नहीं कर सकते। अगर पुलिस चाहती तो वह तुम्हारे पिता को उनके घर की जगह पुलिस स्टेशन में ही जला सकती थी।’ इस बात से नाराज स्थानीय लोगों ने नेता के खिलाफ नारे लगए और उन्हें वहां से भागने पर मजबूर कर दिया।
हालांकि मिथिलेश कुमार ने इन आरोपों को गलत बताया और दोष बीजेपी पर मढ़ दिया। कुमार ने कहा, ‘मैं वहां शोक संतप्त परिवार को अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए गया था लेकिन वहां मौजूद कुछ स्थानीय बीजेपी नेताओं ने लोगों को उकसाया। मैं केसे यह मान सकता हूं कि मंत्री दोषी हैं जबकि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे।’
जगेंद्र सिंह, जिन्हें 1 जून को कथित तौर पर उनके शाहजहांपुर स्थित घर पर पुलिस की एक रेड मारने वाली टीम द्वारा जला दिया गया था, इस घटना के एक हफ्ते बाद जगेंद्र की मौत हो गई थी। सिंह के परिवार ने आरोप लगाया था कि ये पुलिसवाले अखिलेश सरकार के एक मंत्री राम मूर्ति वर्मा द्वारा भेजे गए थे। इस मंत्री के खिलाफ जगेंद्र ने सोशल मीडिया पर निरंतर अभियान चलाया था।
मरने से पहले मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए जगेंद्र के बयान का विडियो वायरल होने के बाद से ही पूरे देश में इस घटना के विरोध की लहर उठ खड़ी हुई। मजिस्ट्रेट जगेंद्र का बयान लेने गए थे कि मंत्री मूर्ति उन्हें क्यों जलाना चाहते थे। विडियो में जलने के कारण दर्द से कराहते जगेंद्र को यह कहते सुना जा सकता है, ‘अगर वह (मंत्री) चाहते थे तो मुझे पीट सकते थे।’
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में मृतक पत्रकार के छोटे बेटे राहुल ने कहा, एसपी नेता, जोकि पूर्व सांसद भी हैं ने हमसे कहा कि, ‘यह मत सोचो कि केस फाइल करने से ही तुम लोग मंत्री को अरेस्ट करवा सकते हो क्योंकि उन्हें तभी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जबकि पुलिस जांच में उन्हें दोषी पाया जाए। एक मंत्री को क्यों ऐसे तरीकों में शामिल होने की जरूरत होगी और वह भी पुलिस की सहायता से? अगर पुलिस सच में तुम्हारे पिता को जलाना चाहती थी तो वह उनके घर पर ऐसा करने के बजाय उन्हें आसानी से पुलिस स्टेशन के अंदर ही जला सकती थी।’
राहुल ने कहा कि कुमार ने कहा कि उनके पिता एक ‘ब्लैकमेलर’ थे, जिन्होंने अतीत में उनके (मिथिलेश) बारे में भी लिखा था। एसपी नेता ने हमसे कहा, ‘तुम्हारे पिता मंत्री के खिलाफ फेसबुक पर अनावश्यक बातें लिख रहे थे। अच्छा होगा कि अगर अपने परिवार के हित को ध्यान में रखते हुए तुम जिम्मदारी से काम करो।
कुमार की आलोचना पर राहुल ने कहा, ‘हमारे घर और जीवन स्तर को देखो और फिर बताओ कि क्या मेरे पिता एक ब्लैकमेलर थे। हम अपने दादा के स्वामित्व वाले एक मामूली आवास में रहते हैं। हमारे पास न तो टीवी है न ही इन्वर्टर क्योंकि हमारे पिता इसका खर्च नहीं उठा सकते थे। उनके बैंक अकाउंट्स को चेक करिए और बताइए कि उन्होंने कितना पैसा बेईमानी से जमा किया है।’