मिर्जापुर,(एजेंसी)13 जून। बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया पर अब आरटीओ चुन्नी लाल ने दुर्व्यवहार करने और पिटाई कराने का आरोप लगाया है। आरटीओ के अनुसार एक लिपिक के मामले में राज्यमंत्री ने जनसंपर्क कार्यालय में बुलाकर मारपीट की।
कटरा कोतवाली में राज्यमंत्री और उनके प्रतिनिधि डा. अरविंद श्रीवास्तव व अन्य के खिलाफ तहरीर दी गई है। इससे पहले कैलाश चौरसिया पर एक डाकिये से मारपीट करने का आरोप लगा था। सीजेएम ने तीन साल की सजा सुनाई थी। हालांकि पिछले ही महीने जिला जज ने मामले से उन्हें बरी कर दिया था।
आरटीओ के अनुसार उनके कार्यालय के लिपिक दिनेश मालवीय को मंत्री की शिकायत पर कुछ समय पहले गैर जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था। हाल ही में दिनेश हाईकोर्ट से स्टे ले आया और शुक्रवार को ज्वाइन करने पहुंच गया। राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने आरटीओ को जनसम्पर्क कार्यालय बुलाया।
आरटीओ के अनुसार मंत्री चाहते थे कि उसे उसी पटल पर न ज्वाइन किया जाए। जब हाईकोर्ट का हवाला दिया गया तो मंत्री ने गाली-गलौच शुरू कर दी और उनके प्रतिनिधि डा. अरविंद श्रीवास्तव व अन्य ने मारपीट की। आरटीओ वहां से तत्काल कटरा कोतवाली पहुंचे और राज्यमंत्री समेत अन्य लोगों के खिलाफ तहरीर दी। देर शाम तक आला अधिकारी मामले में समझौता कराने के प्रयास में लगे रहे। यहां तक कि एसपी दिनेश चन्द्र और डीआईजी रेंज शिवसागर सिंह ने भी मामले से अनभिज्ञता जताई।
वसूली रोकने पर आरटीओ लगा रहे आरोप
राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया ने आरटीओ के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि परिवहन विभाग में उनके संरक्षण में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। उसे रोकने की कोशिश के कारण ही आरटीओ मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप लगा रहे हैं। मंडल में आरटीओ के संरक्षण में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। इसकी शिकायत परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री सहित सक्षम अधिकारियों से की जा चुकी है। राज्यमंत्री ने आरटीओ की पिटाई या गाली गलौच के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।
कर्मचारियों ने सोमवार से हड़ताल की दी धमकी
आरटीओ चुन्नी लाल की पिटाई को लेकर परिवहन विभाग के कर्मचारी और अफसर लामबंद हो गए हैं। कर्मचारियों व अफसरों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि राज्यमंत्री और उनके प्रतिनिधि डा. अरविंद श्रीवास्तव के खिलाफ जब तक कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक वे किसी भी कीमत पर हड़ताल वापस नहीं लेंगे।