पाकिस्तान,(एजेंसी)12 जून। म्यांमार में भारत के ऑपरेशन को लेकर पाकिस्तान में हड़कंप मचता नजर आ रहा है। यह इसी बात से जाहिर होता है कि पाकिस्तान की सीनेट ने भारत के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया है साथ ही पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने म्यांमार जैसी कार्रवाई को दोस्ती के लिए खतरनाक करार दिया है।
नवाज शरीफ (फाइल फोटो)
भारतीय नेतृत्व के बयान गैरजिम्मेदाराना: पाकिस्तान
पाकिस्तान ने भारत के बयान को गैरजिम्मेदाराना करार देते हुए अपना जुबानी हमला तेज कर दिया। नवाज शरीफ ने कहा कि हर कीमत पर देश के महत्वपूर्ण हितों का संरक्षण किया जाएगा। दूसरी ओर पाकिस्तान की संसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ढाका के बयान की निंदा कर डाली।
भारत के खिलाफ सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव
इस बीच पाकिस्तानी संसद के दोनों सदनों, सीनेट और नेशनल एसेंबली ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए भारतीय नेताओं के बयानों की निंदा की। संसद द्वारा पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल किसी भी घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं।
यह कदम म्यामांर में सैन्य कार्रवाई पर भारतीय मंत्रियों के उन बयानों के बाद उठाया गया है, जिनके बारे में पाकिस्तान का दावा है कि वे उसके लिए धमकी हैं।
इस बीच यहां पाकिस्तान के राजदूतों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि इस तरह के बयान माहौल बिगाड़ते हैं और दोनों देशों को क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता के लक्ष्यों से दूर करते हैं।
नवाज ने कहा, ‘पूरा देश हाल ही में दिए गए गैरजिम्मेदाराना बयानों से और भारतीय राजनीतिक नेतृत्व के अविवेकपूर्ण बयानों से निराश है। ये माहौल को बिगाड़ते हैं और हमें क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता के हमारे लक्ष्य से और दूर करते हैं। हम हर कीमत पर अपने महत्वपूर्ण हितों की रक्षा करेंगे।’ शरीफ ने कहा कि यह संदेश साफ-साफ सुना जाना चाहिए।
नवाज ने कहा, ‘इसके साथ ही हम उकसाने की वजह से अपने नैतिक आधार को नहीं छोड़ेंगे. हम शांतिपूर्ण पड़ोस के अपने प्रयास जारी रखेंगे।’
नरेंद्र मोदी ने अपनी हालिया ढाका यात्रा के दौरान बांग्लादेश की आजादी में अपने देश की भूमिका की चर्चा की थी। सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने म्यामांर में सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर कहा था कि यह अन्य देशों के लिए संदेश है, जिसे पाकिस्तान के लिए चेतावनी समझा गया था।
संयुक्त राष्ट्र से भी अपील
पाकिस्तान के वित्तमंत्री इशाक डार ने नेशनल असेंबली में अपने भाषण में दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को तोड़ने में भारत की भूमिका को खुले तौर पर स्वीकार किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से भारतीय नेताओं के इन बयानों पर गौर करने का अनुरोध किया।
डार ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए लगातार काम कर रहा है, लेकिन ‘विदेशी हाथ’ पाकिस्तान में आतंकवाद और आत्मघाती हमलों में शामिल हैं, ताकि देश में अस्थिरता का बीज बोया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी के बयान से यह स्पष्ट हो गया है।
नवाज शरीफ ने कहा कि उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जम्मू-कश्मीर पर प्रस्तावों को जल्दी लागू करना सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की है।
सदन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि इस तरह के ‘भड़काऊ बयानों’ का संज्ञान लें, जो क्षेत्रीय शांति, संप्रभुता और स्थिरता की संभावनाओं को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करते हैं।
प्रस्ताव के अनुसार जब पूरा पाकिस्तान, खासकर सशस्त्र बल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में लगे हैं, ऐसे में भारतीय उकसावे न केवल पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक अभियान की अनदेखी कर रहे हैं बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ लड़ रहे आतंकवादियों को मदद कर रहे हैं।