कानपुर,(एजेंसी)12 जून। 9 जून 2012 को रावतपुर गोल चौराहा से नरोना चौराहा तक नो टेंपो जोन बनाकर इस मार्ग से टेंपो बाहर किये गये और वीआईपी मार्ग बनाने का दावा किया गया तो शहर के लोगों ने राहत की सांस ली और ये सोचा कि कम से कम कानपुर का एक मार्ग तो खूबसूरत दिखेगा लेकिन जिम्मेदार इस एकमात्र रूट की व्यवस्था भी न संभाल पाये। स्थिति ये है कि नो टेंपो जोन की दुर्दशा के चलते इस रूट पर चलने वाले लोग परेशान हैं। सिटी बसें लगभग बंद हो चुकी हैं। प्राइवेट बसें धमाचौकड़ी मचाये हैं। यात्री प्रतीक्षालय पर सब्जी की दुकानें सजी हैं तो कहीं पंचर की दुकान लगी है। हर्षनगर में कारों की सजावट करने वाले पूरी सड़क कब्जा किये हैं। यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं है और गोल चौराहा का टर्मिनल प्वाइंट पर लगे हाई मास्ट के नीचे फल व अन्य बाजार सज रहे हैं।
यात्री शेड का प्रस्ताव हवा हवाई
नरोना, क्वालिटी, फूलबाग चौराहा पीएनबी, बीएसएनएल आफिस, क्राइस्ट चर्च कालेज, राम आसरे पार्क टेंपो स्टैण्ड के अंदर, उर्सला हास्पिटल, परेड चौराहा से 50 गज पहले, पीपीएन, जीआईसी कालेज, चुन्नीगंज, बकरमंडी पार्क, ईदगाह, जल संस्थान, तुलसी उपवन मोतीझील गेट, महर्षि बाल्मीकि उपवन मोतीझील, थाना स्वरूप नगर के सामने, हैलट गेट से पहले और गोल चौराहा पर यात्री शेड बनाए जाने थे।
कौन जिम्मेदार
नगर निगम: नगर निगम अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी थी कि कहीं अतिक्रमण नहीं होने देंगे लेकिन पूरा जोन अतिक्रमण की गिरफ्त में है।
एआरटीओ: सहायक संभागीय परिवहन को जिम्मेदारी दी गयी थी कि वे बसों की नियमित चेकिंग करेंगे और कानून तोड़ने वाली बसें पर सख्त कार्रवाई भी करेंगे।
ट्रैफिक: इनकी जिम्मेदारी थी कि ओवर लोड नहीं होने दें, कहीं जाम नहीं लगने दें ताकि ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता रहे।
क्षेत्रीय पुलिस: नो टेंपो जोन के क्षेत्र में आने वाले थाने इस पर नजर रखेंगे कि कोई बस में छेड़छाड़ नही कर पाए।
परिवहन: सिटी बसें परिवहन विभाग के पास हैं लेकिन ये बसें मेंटीनेंस के अभाव में ठप हो गईं और जोन को प्राइवेट बसों के भरोसे छोड़ दिया गया। ओवरलोडिंग रोकना, महिलाओं के लिये सखी बस सेवा का संचालन कराना लेकिन ये सारा सिस्टम धड़ाम हो चुका है।