नई दिल्ली,(एजेंसी)09 जून। असम के सोनितपुर में एसपी संजुक्ता पराशर पहली महिला आईपीएस ऑफिसर है, जो आतंकवाद-विरोधी ऑपरेशनों की सुनवाई कर रही है। पिछले 15 महीनों से पराशर एंडी-बोडो आतंकी ऑपरेशन पर अपनी पूरी टीम के साथ काम कर रही है।
आईपीएस संजुक्ता पराशर
मालदांग इलाके में आईपीएस पराशर और उनकी टीम के साथ पैटरोलिंग के दौरान पहुंची। यहां मणिपुर में दो दिन पहले आर्मी के काफिले पर हमला हुआ था और इसमें 18 लोग मारे गए थे। इनकी टीम को मलदांग में पिछले महीने सफलता मिली थी और नेशनल डेमोक्रैटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड- सॉगबीजित (NDFB-S) के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था।
इस टीम के एक सदस्य कहते हैं, ‘ये पूरी तरह से घना जंगल है। यहां न सिर्फ बोडो आतंकियों का कब्जा है, बल्कि जंगली जानवर भी यहां घूमते हैं। कई बार हाथियों के झुंड से सामना होता है और तब इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है।’
आतंकवाद-विरोधी ऑपरेशन में बहुत तरह की दिक्कतें भी हैं। यहां आर्द्रता बहुत ज्यादा होती है, बारिश ऑपरेशन को और चुनौतीभरा बना देती है। टीम ने देखा कि नदी पार करते हुए संजुक्ता पराशर अपनी टीम को हाथ हिलाकर, चिल्लाकर कहती है ‘छोटा कदम, छोटा कदम’, मतलब छोटे कदम लो, जिससे पानी में चलने में आसानी होती है।
आपको बता दें कि संजुक्ता पराशर साल 2006 बैच की आईपीएस ऑफिसर है। पिछले 15 महिनों से वो एंटी-बोडो मिलिटेंट ऑपरेशन्स पर काम कर रही है। इस ऑपरेशन के दौरान पिछले कुछ महीनों में पराशर ने 16 आतंकियों को मार गिराया है, 64 आतंकियों की गिरफ्तारी की है, हथियारों और गोला-बारूद को कब्जे में लिया है।
गौरतलब है कि सिर्फ सोनितपुर ही नहीं, पराशर ने राज्य के उन सभी जगहों से आतंकियों को ढेर किया है, जहां एनडीएफबी एक्टिव है। पिछले पांच महीने में 11 एनडीएफबी के आतंकी मारे गए है, 348 कैडर और लिंकमैन को गिरफ्तार किया गया है। साल 2014 में 175 आतंकियों की गिरफ्तारी थी, साल 2013 में 172।