पटना,(एजेंसी)08 जून। जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को होने वाली जदयू-राजद की बैठक में बड़ा धमाका करने का संकेत दिया। नीतीश ने कहा कि आरजेडी से किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। जनता परिवार का विलय निश्चित होगा। राहुल के साथ दिल्ली में हुई मुलाकात को मुख्यमंत्री ने ठीक बताया।
विधानसभा चुनाव में सीटों के बटवारे पर नीतीश कुमार ने कहा कि इसका निर्णय गठबंधन को लेकर बनी तीन-तीन लोगों की कमेटी करेगी। मंगलवार को होने वाली जदयू-राजद की बैठक में कुछ बड़ा धमाका करने का भी नीतीश ने संकेत दिया। नीतीश ने शहर में अगले मुख्यमंत्री के नाम की होर्डिग्स पर भी कल पूरा मामला बताने की बात कही। शहर में अगले सीएम के रूप में नीतीश कुमार को प्रोजेक्ट करने वाली कई होर्डिग्स लगी है, जिसको लेकर आरजेडी के कुछ नेता विरोध कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में राहुल की भूमिका अहम है। जदयू-राजद में तकरार की खबरों का खंडन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच कोई मतभेद नहीं है। प्रमुख निर्णयों को लेकर मंगलवार को दोनों पार्टियों के नेताओं की बैठक होगी, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा भी होगी। जदयू के कार्यकर्ताओं को भी गठबंधन को लेकर तैयार किया जा चुका है उनसे हम लगातार संवाद भी कर रहे हैं।
सीएम पद के उम्मीदवार को लेकर नीतीश ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टी के बारे में कुछ बोलना ठीक नहीं है। विधान परिषद चुनाव के बारे में नीतीश ने कहा कि इस मुद्दे पर बोलने के लिए पार्टी ने वशिष्ठ नारायण सिंह को अधिकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी खबराहट और बेचैनी में झूठ बोल रही है। बिजली के मुद्दे पर नीतीश ने कहा कि प्रदेश में बिजली सप्लाई अब दुरुस्त हुई है। केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2700 मेगावाट बिजली की जगह केंद्र महज दो हजार मेगावाट बिजली दे रहा है। ऐसे में उसे गलत तरीके से श्रेय नहीं लेना चाहिए।
नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार के कामों को केंद्र सरकार अपना बताकर लोगों को गलत सूचना दे रही है। बीजेपी नेताओं को आरोप लगाने की जगह प्रदेश के हिस्से का पैसा केंद्र से दिलाना चाहिए। केंद्र के नेता यहां पैरा-ट्रूपर्स की तरह आकर पीसी करके चले जाते हैं। मुख्यमंत्री ने बीजेपी नेताओं को अफवाह मास्टर बताते हुए कहा कि बिहार गंगा नदी के प्रवाह को बनाने में मदद कर रहा है, जबकि केंद्र की नीतियों की वजह से गंगा का प्रवाह अविरल नहीं हो पा रहा है।