लखनऊ,(एजेंसी)04 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर-घर शौचालय की मुहिम अब रंग लाती नजर आ रही है। कानपुर देहात में एक नव विवाहिता ने ससुराल में शौचालय न होने की वजह से शादी के चार दिन बाद ही ससुराल छोड़ दिया और मायके में रहने लगी। कुछ दिन बाद शौचालय बनवाने की शर्त पर यह नवविवाहिता अपनी ससुराल पहुंची।
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दुल्हन के ससुर ने वादा तो कर दिया, लेकिन उनके पास शौचालय बनाने के पैसे नहीं थे, जिसके बाद ससुर ने डीपीआरओ को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया गया और शौचालय बनाने की मांग की गई।
कानपुर देहात के मैथा ब्लॉक स्थित बगुलाही गांव से बीती 2 मई को दीपक राजपूत की बारात कन्नौज जिले के नगला डदुवन गांव की अनामिका के घर पहुंची थी। जहां पूरे रीती रिवाज के साथ शादी हुई और दीपक अपनी पत्नी अनामिका को अपने साथ विदा कराके वापस कानपुर देहात लौट आया था।
शादी के बाद चौथी की रस्म अदायगी के बाद अनामिका वापस अपने मायके चली गई, लेकिन जब अनामिका के ससुराल वाले उसे लेने उसके मायके पहुंचे तो उसने ससुराल आने से इनकार कर दिया। इस बात को सुनकर ससुराल पक्ष से आए सभी लोग स्तब्ध रह गए, जिसके बाद अनामिका के घर वालों ने सासुराल न जाने की वजह अनामिका से पूछी।
जवाब में अनामिका का कहना था कि जबतक उसके ससुराल में सौचालय नहीं बनेगा तब तक वह ससुराल नहीं जाएगी। अनामिका की इस मांग को वाजिब मानते हुए ससुराल वालों ने जल्द ही शौचालय बनवाने का वादा किया, जिसके बाद अनामिका सशर्त अपनी ससुराल वापस लौट आई।
अनामिका के ससुर जगदीश सिंह ने कहा, ‘मैंने शौचालय के लिए डीपीआरओ को पत्र लिखा है कि वह शौचालय बनवाने में सहायता करे मेरे पास अभी इतने पैसे नहीं है, लेकिन मेरी बहु ने यह शर्त रखकर मेरी आंखे खोल दी है।’