पटना,(एजेंसी)04 जून। बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी जिस घर में रह रहे हैं उस घर में लगी सब्जियां और फल खा नहीं सकते। मांझी अब सीएम तो रहे नहीं लेकिन उन्होंने सीएम निवास एक अणे मार्ग अभी तक खाली नहीं किया है।
परिसर में आम, कटहल, लीची और सब्जियां लगी है लेकिन नीतीश कुमार ने फलों और सब्जियों से मांझी को दूर रखने के लिए फोर्स तैनात कर दी है। 8 दारोगा, 16 सिपाही समेत 24 पुलिसवाले मांझी के घर में तैनात हैं। ड्य़ूटी ये है कि मांझी के हाथ फल और सब्जियों की टहनियों तक पहुंच न पाएं।
जीतन राम मांझी के सचिव ने कहा है कि जीतन राम मांझी के माली ने एक बार लीची तोड़ने की कोशिश की तो माली को पुलिस पकड़ कर ले गई थी। अब ना तो मांझी लीची तोड़ रहें हैं और न नीतीश कुमार।
आपको बता दें कि मांझी जो कि गत फरवरी महीने में मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद भी मुख्यमंत्री आवास में रह रहे हैं जबकि नीतीश 7 सकुर्लर रोड स्थित एक सरकारी आवास में रह रहे हैं।
नीतीश कुमार के अनुचर से आलोचक बने जीतन राम मांझी से जब इस बारे में प्रतिक्रिया जाने की कोशिश की गयी तो उन्होंने कहा कि उनसे मिलने बडी संख्या में गरीब आते हैं और वे फलों को तोड़ न लें उससे रोकने के लिए यह सुरक्षा व्यवस्था की गयी होगी।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसे नीतीश के खिलाफ आवाज उठाने वाले एक महादलित को अपमानित किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह विचित्र स्थिति है कि एक व्यक्ति जो कि किसी बंगले में रह रहा हो उसे वहां के पडों पर लगने वाले फलों का सेवन करने से वंचित कर दिया जाए।
वहीं नीतीश सरकार का समर्थन कर रहे राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को प्राथमिकता देने के बजाए सरकार का आम और लीची की सुरक्षा को महत्व दिया जाना उनकी समझ से परे है।
बीजेपी नेता रामेश्वर चौरसिया ने कहा है, “नीतीश कुमार या किसी भी मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता। ये बचकानी हरकत है। तुच्छ मानसिकता के लोग ही ऐसा कर सकते हैं। जब तक मांझी रह रहे हैं जब वो सुविधाए उनकी हैं। ये बीज नीतीश कुमार का ही बोया हुआ है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों का बंग्ला मिलेगा. उन्होंने ने ही यह नियम बनाया कि पूर्व मुख्यमंत्री को बंग्ला मिलेगा। ये इन दोनों के बीच का झगड़ा है।”
जेडीयू सासंद अली अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा है, “पूर्व मुख्यमंत्री को बंग्ला मिलेगा लेकिन जो वो चाहेंगे वहीं नहीं मिलेगा. अपने से लिख देने से थोड़ी ना वो अपना हो जाएगा।”
बीजेपी प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा कि जब नीतीश कुमार रहते थे तो उन्होंने कभी आम और लीची का हिसाब किताब जनता को नहीं दिया। बिहार के लोगों को सुरक्षा नहीं है लेकिन आम, लीची की सुरक्षा में लगे हैं।
बिहार में पुलिस का रेसियो
100 आम के पेड़ की रखवाली के लिए 24 पुलिस वालों की तैनाती की गई है, जबकि 2012 का सरकारी आंकड़ा बताता है कि बिहार में 1492 लोगों पर एक पुलिस वाले हैं।
यानी 1 लाख लोगों की सुरक्षा के लिए बिहार में 67 पुलिस वाले तैनात हैं जो कि देश में सबसे कम है। यहां आम के 4 पेड़ की रखवाली के लिए 1 पुलिस वाला लगाया गया हैं।
क्या कहता है कानून-
कानून के मुताबिक मुख्यमंत्री निवास में जो भी पेड़ पौधे लगे हैं उसके फल सब्जियों का इस्तेमाल मुख्यमंत्री ही कर सकते हैं। मुख्यमंत्री या उनका परिवार फलों का इस्तेमाल करता है तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कोई दूसरा शख्स फल, सब्जियों का इस्तेमाल करता है या फिर फल सब्जियों को बाजार में बेचा जाता है तो फिर उससे मिले पैसे सरकारी खजाने में जमा किये जाएंगे।