नई दिल्ली,(एजेंसी)30 मई। आपकी आँखों मे चमक और जेब मे वजन लाने वाले हजार और पांच सौ रूपये के नोट अब देशी कागज पर छप कर मिलेंगे। आज होशंगाबाद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सिक्योरिटी पेपर मिल मे इस पेपर को तैयार करने वाली यूनिट का उद्घाटन किया और इस खास पेपर की पहली खेप नासिक के लिए रवाना की जहाँ पांच सौ और हजार रूपये के नोट इस स्वदेशी कागज पर छ्पेंगें।
अब तक ये बड़े नोट विदेश से आयात कागज पर छपते थे जिनके आयात पर बड़ा पैसा खर्च होता था। होशंगाबाद के प्रतिभूति कागज कारखाना मे आज सुबह जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जब नए बैंक नोट कागज लाईन की यूनिट का उदघाटन किया तो उनके चेहरे पर संतोष दिख रहा था। करीब 500 करोड़ रूपये की इस यूनिट से हर साल दस हजार टन बेहतरीन कागज बनेगा जिसका उपयोग हजार और पांच सौं के नोट छापने मे किया जायेगा।
अब तक इन बड़े नोट छापने के लिए कागज आयत किया जाता था जिसमे बड़ी विदेशी मुद्रा खर्च होती थी। साथ ही नोट पर बनने वाले सुरक्षा निशान भी विदेशी कागज के अनुसार बनाना पड़ते थे। वित्त मंत्री ने कहा की अब बड़े नोटों पर दस नए सुरक्षा निशान भी भारतीय कागज के अनुसार बनेगें जिससे नकली मुद्रा के चलन पर भी रोक लगेगी।
अरुण जेटली ने इसे अपनी सरकार के मेक इन इंडिया पालिसी के तहत उठाया कदम बताया। नोट के कागज बनाने के इस नए प्लांट मे अत्याधुनिक मशीनों से कअगज के निरीक्षण और गुणवत्ता पर नजर राखी जायेगी।
इससे बनने वाला कागज थ्री डी वाटर मार्क बैंक नोट कागज होगा जिसकी देश मे मांग 25 हजार मीट्रिक टन है मगर देश मे इसका उत्पादन बेहद कम है नई यूनिट ये कमी पूरी करेगी। वित्त मंत्री ने इस मोके पर इस खास कागज से भरे चार वेगन की ट्रेन को नासिक के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।