हरियाणा,(एजेंसी)30 मई। हरियाणा में बल्लभगढ़ के अटाली गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा के शिकार परिवारों में दहशत बरकरार है। लोग बल्लभगढ़ सिटी पुलिस स्टेशन पर रात गुजारने को मजबूर हैं। सोमवार की रात को अटाली गांव में एक मस्जिद निर्माण को लेकर भड़की हिंसा में करीब डेढ़ सौ परिवार बेघऱ हो गए थे। भीषण गर्मी में जिंदगी गुजारना इनके लिए चुनौती बन गया है।
हम सब गांव में मिल-जुलकर एक परिवार की तरह रहते थे। ईद और दिवाली साथ मिलकर मनाते थे पर उस दिन के बाद सब कुछ खराब हो गया। ये कहना है बल्लभगढ़ के गांव अटाली में दो समुदायों के बीच हुए झगड़े के पीड़ितों का, जो घटना के 4 दिन बाद भी थाने में टेंट के नीचे सोने को मजबूर है। आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही और नुकसान की भरपाई की मांग और दिलों में डर लिए वे थाने से हटने को तैयार नहीं है।
तपती गर्मी में टेंट के नीचे सोते लोग बल्लभगढ़ के गांव अटाली के रहने वाले है। आदर्श गांव के नाम से मशहूर इस गांव में 25 मई तक सब कुछ ठीक था, पर 25 मई की शाम को एक धार्मिक स्थल के निर्माण को लेकर सब कुछ खराब हो गया। पीड़ितो की मानें तो देर शाम अचानक दूसरे पक्ष के लोगों ने उनके घरों पर हमला कर दिया और आग लगा दी।
इस दौरान जमकर मारपीट और पथराव भी हुआ। पीड़ितो के मुताबित इस घटना से पहले सभी लोग मिल-जुलकर भाइयों की तरह रहते थे पर कुछ शरारती लोगो ने सब कुछ खराब कर दिया। उनके मुताबिक इससे पहले उनका एक दूसरे के घर खूब आना जाना था। वे सब ईद और दीवाली मिलकर मानते थे। उनकी माने तो उन्हें इस घटना की उम्मीद नहीं थी। पीड़ितों के मुताबिक वे वेहद डरे हुए हैं और इसलिए आरोपियों की गिरफ्तारी तक गांव जाने को तैयार नहीं है।
वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के आला अधिकारी गांव में डेरा डाले हुए हैं और आरएएफ की टीम भी वंहा तैनात कर दी गयी है। पुलिस अधिकारियों के मुताबित लोगों को उनके घर वापस लौटाने के प्रयास चल रहे है और किसी भी तरह की अशांति गांव में बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
प्रशासन बेशक स्थिति कंट्रोल होने की बात कह रहा है पर उसकी सबसे बड़ी चुनौती पीड़ितों की घर बापसी होगी।