मुजफ्फरनगर,(एजेंसी)29 मई। मेरठ के प्रेमप्रयाग कॉलोनी का डबल मर्डर पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। तीन दिन तक पुलिस टीमें केस को वर्कआउट करने में जुटी हुई थीं। एकाएक मौका-ए वारदात पर मिले एक क्लू ने केस की परतें खोल दीं। दरअसल, एसपी सिटी राकेश कुमार जौली का ध्यान घर में बंधे डाबरमैन नस्ल के कुत्ते की एक्टिविटीज पर पड़ा।
एक क्लू ने केस की परतें खोल दीं
बस यहीं से केस का रहस्य खुलने लगा। उस वक्त मेरठ में तैनात राकेश कुमार जौली फिलहाल यहां एसपी क्राइम हैं। रिटायर्ड जेई प्रेमवीर और उनकी पत्नी संतोष की हत्या के केस में बृहस्पतिवार को बेटी प्रियंका और उसकी दोस्त अंजू को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। चर्चित केस में जौली से चर्चा हुई, तो पुलिस की तफ्तीश के पीछे के कुछ नए पहलू सामने आए।
11 नवंबर 2008 को मेडिकल थाना क्षेत्र में वारदात हुई। घटनास्थल का मौका मुआयना हुआ तो पालतू डाबरमैन कुत्ते की चुप्पी पुलिस को खटक गई। अहम सवाल था कि घर में दोहरा हत्याकांड हुआ, जोर-जबरदस्ती हुई, लेकिन कुत्ते ने भौंकने के बजाय चुप्पी साधे रखी। यह पुष्टि पड़ोसियों ने भी की कि कुत्ते के भौंकने की आवाज नहीं सुनी थी।
‘तू मेरी बेटी की तरह है’
जौली बताते हैं कि यह तय हो गया था वारदात में कोई ऐसा शख्स शामिल है, जिससे घर का कुत्ता भी परिचित है। पारिवारिक पृष्ठभूमि खंगाली गई। मौत के बाद घर का एक ही सदस्य गायब था, वो थी प्रियंका।
प्रियंका के बारे में जानकारी जुटाई गई, तो पता चला कि वह दिल्ली में पढ़ती है। उसका मोबाइल स्विच ऑफ था और उसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी। आखिरकार प्रियंका और उसकी दोस्त अंजू को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूरी रात महिला पुलिस की मौजूदगी में जांच चली, लेकिन दोनों में से किसी ने मुंह नहीं खोला। जौली बताते हैं कि जब मैंने यह कहा,’तू मेरी बेटी की तरह है’ इतना कहते ही प्रियंका फफक पड़ी। इमोशनली टूटने के बाद मर्डर का सच सामने आता गया।
नाक में लगा दी थी रुई
वारदात के बाद मौके पर मिली लाशों से एक और क्लू सामने आया था। रिटायर्ड जेई प्रेमवीर की नाक में रुई लगी हुई थी। आखिर कौन है, जिसे खून बहने पर दर्द हुआ और उसने मृतक की नाक में रुई लगा दी। एसपी क्राइम बताते हैं कि दीवार में सिर लगने से प्रेमवीर की मौत हुई थी। सच छुपाने के लिए संतोष का भी मर्डर कर दिया गया था।
10 नवंबर 2008 को प्रियंका और अंजू ने की थी हत्या
प्रेम प्रयाग कालोनी दंपति डबल मर्डर में बृहस्पतिवार को कोर्ट का फैसला आ गया। माता-पिता की हत्या में बेटी प्रियंका और उसकी सहेली अंजू को न्यायालय जिला जज आरके गौतम ने उम्रकैद और प्रत्येक को 30-30 हजार के जुर्माने की सजा से दंडित किया।
मेडिकल थानाक्षेत्र के प्रेम प्रयाग कालोनी में 10 नवंबर 2008 की रात इंजीनियर प्रेमवीर सिंह और उनकी पत्नी संतोष की हत्या कर दी गई है। दोनों के खून से सने शव उनकी कोठी में पड़े मिले थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दंपति की मौत का कारण गला घुटना और भारी व धारदार हथियारों से हमला सामने आया था। मृतकों के रिश्तेदार पदम सिंह ने 11 नवंबर को अज्ञात में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना करते हुए एक सप्ताह में ही वारदात का खुलासा कर दिया था।
पुलिस के अनुसार हत्या प्रियंका और उसकी सहेली अमरोहा निवासी बैंक अफसर की बेटी अंजू ने की थी। 17 नवंबर को ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। तत्कालीन एसएसपी रघुवीर लाल और एसपी सिटी राकेश जौली ने दोनों को मीडिया के सामने पेश किया था। एसएसपी ने दावा किया था कि प्रियंका के कब्जे से करीब छह लाख रुपये की एफडीआर, 50 हजार रुपये कैश और प्रियंका के भाई गौरव के नाम वसीयत के कागज बरामद हुए हैं।
पुलिस ने इस हत्याकांड का मुख्य आधार संपत्ति विवाद और प्रियंका का अपने परिवार से दुर्व्यवहार बताया था। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी अनिल तोमर, कृपाल सिंह, कृष्ण पहल और प्रमोद त्यागी ने कुल 16 गवाह न्यायालय के सामने पेश किए थे।
वहीं विपक्ष की ओर से कुमारी मनोज चाहल, विजय कुमार और छोटे लाल बंसल ने कुल तीन गवाह पेश किए। कोर्ट में आए तथ्यों के अनुसार प्रेमवीर के शरीर में 11 और संतोष को तीन चोटों के निशान आए थे। वहीं इस मामले में आरोपियों से लूट का समान भी बरामद होना पाया गया। बरामद सामान की पुष्टि मृतक दंपति के बेटे गौरव ने की। जिला जज की कोर्ट में मुख्य बहस विगत 15 मई को पूरी हुई थी। बृहस्पतिवार को न्यायालय ने प्रियंका और अंजू को हत्या और लूट के आरोप सिद्ध होने के बाद उम्रकैद की सजा सुना दी। इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया।