नई दिल्ली,(एजेंसी)29 मई। दिल्ली हाईकोर्ट में आज दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सुनवाई होनी है जिसमें दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन को चुनौती दी है।
याचिका में कहा गया है कि केन्द्र सरकार के गज़ट नोटिफिकेशन के जरिए दिल्ली सरकार के अधिकारों को छीन रही है लिहाजा केन्द्र सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाई जानी चाहिए। दिल्ली सरकार की इस याचिका के साथ ही हाईकोर्ट इसी मामले पर दायर एक जनहित याचिका पर भी सुनवाई करेगी।
दिल्ली सरकार की याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार की तरफ से 23 जुलाई 2014 को और 21 मई 2015 का नोटिफिकेशन गैर संवैधानिक है क्योंकि इससे चुनी हुई दिल्ली सरकार के हक़ ख़त्म किये जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कार्यकारी मुख्य सचिव शकुंतला गैमलीन की नियुक्ति का भी ज़िक्र किया गया कहा गया है की एक मुख्यमंत्री को मुख्य सचिव चुनने का भी अधिकार नहीं है?
क्या थी अधिसूचना
गृह मंत्रालय ने 21 मई को गजट अधिसूचना जारी कर केजरीवाल सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीबी) को केंद्रीय कर्मियों, अफसरों और पदाधिकारियों पर कार्रवाई के अधिकार से वंचित कर दिया था। साथ ही दिल्ली के उपराज्यपाल को वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती करने की भी पूर्ण शक्तियां दी गई थीं।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और केजरीवाल सरकार की लड़ाई
केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार के बीच अधिकार को लेकर छिड़ी जंग पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच क्षेत्राधिकार का विवाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जा पहुंचा।
केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसमें दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा (एसीबी) को केन्द्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोकने वाली केन्द्र की हाल की अधिसूचना को संदिग्ध बताया।
गृह मंत्रालय ने 21 मई को गजट अधिसूचना जारी कर केजरीवाल सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीबी) को केंद्रीय कर्मियों, अफसरों और पदाधिकारियों पर कार्रवाई के अधिकार से वंचित कर दिया था। साथ ही दिल्ली के उपराज्यपाल को वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती करने की भी पूर्ण शक्तियां दी गई थीं।
LG ने की केजरीवाल की शिकायत
एलजी नजीब जंग ने की गृह सचिव को केजरीवाल की शिकायत की है। एलजी ने कहा है कि हाईकोर्ट के एसीबी मामले में दिए फैसले के बहाने ट्रांसफर-पोस्टिंग पर केजरीवाल सीमा लांघ रहे हैं।
इस नोटिफिकेशन के खिलाफ दिल्ली विधानसभा कल प्रस्ताव पास कर चुकी है। दिल्ली विधानसभा ने उपराज्यपाल को पूर्ण शक्तियां देने वाली गृह मंत्रालय की अधिसूचना के खिलाफ आज पारित अपने प्रस्ताव की प्रतियां राष्ट्रपति, उपराज्यपाल और सांसदों को भेजने का फैसला किया।
देश को तानाशाही की ओर ले जाना चाहती है केंद्र सरकार: केजरीवाल
कल दिल्ली विधानसभा में अपने संबोधन में केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग पर प्रहार किया और कहा कि वह ‘केंद्र के इशारे’ पर चल रहे हैं और आप सरकार के लिए ‘जानबूझकर’ बाधाएं पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में जो हो रहा है वह खतरनाक है। यह बीजेपी नीत केंद्र का दिल्ली में प्रयोग है। एक-एक कर यह प्रयोग हर गैर बीजेपी शासित राज्य में किया जाएगा। वे देश को तानाशाही की तरफ ले जाना चाहते हैं। मैं सभी गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि इस मुद्दे पर एकजुट हों।’
सिसोदिया ने गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन को ‘तालिबानी’ बताया
गृह मंत्रालय की अधिसूचना को ‘तालिबानी’ करार देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि केन्द्र भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली सरकार की जंग से ‘‘डरी’’ हुई है और इस तरह की अधिसूचना संविधान का ‘‘अपमान’’ है।
विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि केन्द्र की अधिसूचना दिल्ली विधानसभा के अस्तित्व को ‘‘खतरा’’ है और वर्तमान स्थिति 125 साल पुराने ब्रिटिश शासन के दौरान की स्थिति से भी खराब है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हर कोई.. विधानसभा.. निर्वाचित सरकार कह रही है कि यह अधिसूचना सही नहीं है, लेकिन वे (केन्द्र) कह रहे हैं कि हमें संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता में आने से पहले, हम जानते थे कि दिल्ली सरकार के कार्यक्षेत्र में लोक व्यवस्था, भूमि और पुलिस नहीं आती। इन तीन विषयों को छोड़कर विधानसभा के पास सभी विषयों पर अधिकार है। जिन लोगों का संविधान में भरोसा नहीं है केवल वे ही इस तरह की अधिसूचना लाने की जरूरत महसूस कर सकते हैं। उन्होंने तालिबानी अधिसूचना जारी कर दी।’’