नई दिल्ली,(एजेंसी)28 मई। केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक 3 अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई हुई। पहले मामले की सुनवाई हुई केंद्र सरकार की उस याचिका पर जो उसने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील देते हुए कहा की दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले से असमंजस की स्थिति बन गयी है। लिहाज़ा उस फैसले पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पड़ी करते हुए कहा की हाई कोर्ट के आदेश में सिर्फ इतना ही तो कहा गया है कि केंद्र सरकार का नोटिफिकेशन संदेह के घेरे में है तो इससे असमंजस कैसे हो गया? लेकिन फिर भी केंद्र सरकार की इस याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को की जायेगी।
इस बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को चुनौती दी। दिल्ली सरकार की याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार की तरफ से 23 जुलाई 2014 को और 21 मई 2015 का नोटिफिकेशन गैर संवैधानिक है क्योंकि इससे चुनी हुई दिल्ली सरकार के हक़ ख़त्म किये जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कार्यकारी मुख्य सचिव शकुंतला गैमलीन की नियुक्ति का भी ज़िक्र किया गया कहा गया है की एक मुख्यमंत्री को मुख्य सचिव चुनने का भी अधिकार नहीं है ? इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर भी सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टल गयी।