गोरखपुर,(एजेंसी)28 मई। संत कबीरनगर जिले में लोहिया आवास योजना से जुड़े शासनादेशों की धज्जियां उड़ाते हुए विभागीय जिम्मेदारों और अछती गांव के ग्राम प्रधान की मिलीभगत से लगभग दो दर्जन से अधिक अपात्रों को लोहिया आवास आवंटित करते हुए करोड़ों की बंदरबांट किए जाने का मामला सामने आया है। माना जा रहा है कि यह अब तक का सबसे बड़ा लोहिया आवास आवंटन घोटाला सबित हुआ है।
मामला जिले के नाथनगर ब्लॉक क्षेत्र के अछती गांव का है, जो पहले से ही काफी विकसित गांव था। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों ने पहले तो प्रभारी मंत्री कमाल अख्तर को गुमराह करके इस गांव को लोहिया गांव का दर्जा दिलाया और फिर दो दर्जन से अधिक पक्के मकान वालों सहित सरकारी कर्मचारी और स्कूल प्रबंधक को आवास आवंटित कर शासन द्वारा गांव में आए लोहिया आवास के लिए लगभग करोड़ों रुपयों की बंदरबांट कर डाली।
लोगों का आरोप है कि लाख शिकायतों के बावजूद सीडीओ राम नरेश, ग्राम प्रधान बंगाली और उसके कथित प्रतिनिधि मनोज तिवारी पर काफी मेहरबान हैं। ग्राम प्रधान ने अपात्र लोगों से लोहिया आवास आवंटन के बदले मोटी रकम लेकर सीडीओ तक पहुंचाई। दूसरी तरफ जहां पात्रों को आवास योजना का लाभ पहुंचाया वहीं उनकी बैंक पास बुक को प्रधान ने खुद अपने पास रखकर मानकों को ताक पर रखते हुए पुरानी ईंटों से आवास का निर्माण कराया जा रहा है।
इस मामले की शिकायत तहसील दिवस में कई बार की गई, लेकिन ग्राम प्रधान के ऊपर न तो कोई कार्रवाई ही की गई और ना ही लोहिया आवास घोटाले की जांच ही हुई। इस पूरे मामले पर जांच और कार्रवाई के सवाल पर सीडीओ रामनरेश लीपापोती करते नजर आए।