नई दिल्ली,एजेंसी-12 फरवरी | प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार पर होने वाली सार्वजनिक बहस में संयम का आह्वान करते हुए मंगलवार को कहा कि फैसला लेते वक्त हुईं निष्कपट गलतियों के लिए ईमानदार अधिकारियों को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के स्वर्ण जयंती समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह याद रखना जरूरी है कि भ्रष्टाचार विरोधी किसी भी संस्था का अंतिम उद्देश्य शासन प्रक्रिया के सुधार में योगदान देना होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तब हो सकता है, जब मजबूत और प्रगतिशील फैसले को प्रोत्साहित करें। इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फैसला लेते वक्त हुईं निष्कपट गलतियों के लिए ईमानदार अधिकारियों को प्रताड़ित न किया जाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर सार्वजनिक बहस में संयम रखने की जरूरत है।
पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार पर सार्वजनिक बहसें काफी हुई हैं और अनवरत आरोप लगाए गए हैं। मनमोहन सिंह ने कहा कि इन मुद्दों पर विधिवत गंभीर चर्चा अपेक्षित हैं, लेकिन हम अक्सर देखते हैं कि सार्वजनिक बहस के मुद्दों को महत्वहीन बना दिया जाता है।