लखनऊ,एजेंसी-11 फरवरी। आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और सांसद लालजी टंडन को बड़ी राहत देते हुए पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण वाले सीडी प्रकरण में क्लीन चिट दे दी।
गौरतलब है लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के नेताओं द्वारा भड़काऊ भाषण की विवादित सीडी जारी की गई थी, जो बाद में जहरीली सीडी नाम से चर्चा में छाई रही। तब उसके आरोपियों में राजनाथ सिंह एवं लाल जी टण्डन का नाम भी आया था, जिसके खिलाफ तत्कालीन मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा कायम कराया था।
इस मामले में एक गवाह ने बयान दिया था कि उसने यह सीडी भाजपा नेता राजनाथ सिंह के कहने पर बनाई है, लेकिन वर्तमान समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के निर्देश पर पिछले माह मुख्य सचिव जावेद उस्मानी से इस केस की समीक्षा की थी।
इस प्रकरण में लखनऊ के आला अधिकारियों ने नए आरोपपत्र तैयार किए, जिसमें कहा गया है कि जारी सीडी की सामग्री के बारे में लाल जी टण्डन को जानकारी नहीं थी, इसलिए लालजी टण्डन पर कोई आरोप नहीं बनता है। कथित भड़काऊ सीडी के निर्देशक वीरेंद्र सिंह पवार, सीडी की निर्माता अल्पना तलवार, पटकथा लेखक प्रवीण गुर्जर समेत आठ लोगों को आरोपित किया गया। जबकि लालजी टण्डन व राजनाथ सिंह को प्रदेश सरकार के अधिकारियों द्वारा क्लीन चिट दे दी गयी।
उधर इसका खुलासा होने पर अब सियासत भी तेज हो गई। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने इस प्रकरण पर कहा, “नए आरोपपत्र को तैयार कराकर भाजपा नेताओं को क्लीन चिट देना सपा के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। इससे सपा और भाजपा की अंदरूनी सांठ-गांठ एक बार फिर उजागर हो गई है।”
चौहान ने कहा, “इससे पहले मुजफ्फरनगर व शामली में भड़काऊ भाषण देकर धार्मिक उन्माद फैलाने व दंगा कराने के मामले में भी पहले भाजपा के दो विधायकों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला पंजीकृत किया गया, लेकिन बाद में सपा के इशारे पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों द्वारा रासुका को निराधार बताते हुए हटाने का फरमान जारी कर दिया गया।”
चौहान ने कहा कि एक आईएएस अधिकारी द्वारा रासुका तामील कराना तथा दूसरे आईएएस अधिकारी द्वारा रासुका हटाना ही अपने आप संदेह के घेरे में आ जाता है।