नई दिल्ली,एजेंसी-10 फरवरी | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी विधानसभा सत्र में जनलोकपाल और स्वराज विधेयक पारित न होने की स्थिति में इस्तीफा देने की सोमवार को एक बार फिर धमकी दी है। केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए मैं मुख्यमंत्री का पद सौ बार छोड़ने के लिए तैयार हूं।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि वह स्वराज के लिए और शासन की बागडोर सीधे जनता के हाथों में देने के लिए हजार बार मुख्यमंत्री की कुर्सी कुर्बान करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने लिखा है, “यह हमारी आजादी की दूसरी लड़ाई है।” केजरीवाल ने कहा कि इन दोनों विधेयकों के पारित होने में अगर कांग्रेस ने समर्थन नहीं दिया, तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। केजरीवाल ने कहा कि ये दोनों विधेयक 13 फरवरी को सदन में पेश किए जाएंगे और सरकार जन लोकपाल विधेयक 16 फरवरी को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में पारित कराना चाहती है।
गौरतलब है कि इसके पहले केजरीवाल ने दिल्ली लिटरेचर फेस्टिवल के अंतिम दिन संविधान के संबंधित अनुच्छेद का हवाला देते हुए समारोह में मौजूद श्रोताओं से पूछा कि जनलोकपाल विधेयक किस तरह संविधान के विरुद्ध है। उनके मुताबिक संविधान के अनुसार पुलिस, कानून एवं व्यवस्था और भूमि के अलावा दिल्ली विधानसभा को अन्य विषयों में विधेयक लाने और पारित करने का अधिकार हासिल है।
इसा दौरान पत्रकार बरखा दत्त के यह पूछने पर कि पर्याप्त संख्या बल के अभाव में उनका लोकपाल विधेयक पारित कैसे होगा? केजरीवाल ने तपाक से उत्तर दिया, “वे न दें समर्थन, विधेयक गिरेगा तो हम इस्तीफा देंगे और फिर जनता उन्हें सबक सिखाएगी।”
यह कहने पर कि संसद ने लोकपाल विधेयक पारित कर रखा है, केजरीवाल ने मजाक उड़ाने के अंदाज में कहा कि उसमें तो एक चूहा भी अंदर (जेल) नहीं जाएगा। ज्ञात हो कि दिल्ली मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर लोकपाल विधेयक को लेकर राष्ट्रीय राजधानी का राजनीतिक तापमान चढ़ा हुआ है। सरकार को बाहर से समर्थन दे रही कांग्रेस ने विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए इसके खिलाफ मतदान करने की घोषणा की है।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने विधेयक पर सोलिसीटर जनरल से राय मांगी थी। कहा गया है कि दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर ऐसे किसी विधेयक को लाने या पारित कराने का अधिकार नहीं है।