नई दिल्ली,एजेंसी-8 फरवरी। राष्ट्रीय राजधानी के सर्द मौसम में राजनीतिक तापमान चरम पर है। राजधानी की प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत जन लोकपाल विधेयक को लेकर सरकार और केंद्र की संप्रग सरकार और आम आदमी पार्टी आमने-सामने डटी है।
शुक्रवार को आप के एक नेता ने इस मामले में उपराज्यपाल नजीब जंग पर कांग्रेस और केंद्रीय गृह मंत्रालय के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया, तो जवाब में कांग्रेस ने आप की भत्र्सना करते हुए प्रस्तावित लोकपाल विधेयक को “असंवैधानिक” करार देते हुए विरोध करने की धमकी दी।
उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पारित करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी अनिवार्य नहीं है। उन्होंने उपराज्यपाल जंग को तीन पृष्ठों का पत्र लिखकर संविधान के अनुसार काम करने की गुजारिश भी की है।
तीन पृष्ठों के अपने पत्र में केजरीवाल ने जोर दिया है कि उनकी सरकार ने विधेयक को केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास नहीं भेजकर कोई गलत काम नहीं किया है। अपने पत्र में केजरीवाल ने कहा है कि आप सरकार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल और वकीलों पी.वी. कपूर, के.एन. भट्ट एवं पिनाकी मिश्र ने बताया है कि विधेयक को केंद्र सरकार को दिखाने की जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि मैं जानता हूं कि आप पर कांग्रेस और गृह मंत्रालय का भारी दबाव है। मैं जानता हूं कि आने वाले दिनों में आप पर लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिए इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अनुमति नहीं देने का दबाव बनाया जाएगा, क्योंकि विरोध करने वाले जानते हैं कि यदि विधेयक पारित हुआ तो उनमें से कई लोग जेल में होंगे।
उन्होंने लिखा कि मैं जानता हूं कि मेरी सरकार को बदनाम करने के लिए वे कुछ खास सूचनाएं लीक करने के लिए आपके कार्यालय का दुरूपयोग करेंगे। केजरीवाल ने कहा है कि आपने संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली है, किसी दल या गृह मंत्रालय के प्रति निष्ठा की नहीं। कृपया संविधान को मरने मत दीजिए।
केजरीवाल ने यह पत्र सालिसीटर जनरल की कथित राय की प्रतिक्रिया में लिखा है। सालिसीटर जनरल ने उपराज्यपाल को दी गई अपनी राय में कहा है कि दिल्ली विधानसभा बिना केंद्र सरकार की मंजूरी के विधेयक पारित नहीं कर सकती है।
केजरीवाल ने गृह मंत्रालय के उस निर्देश को ही असंवैधानिक करार दिया है जिसमें दिल्ली सरकार को दिल्ली विधानसभा में विधेयक पेश करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेने के लिए कहा गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि हर विधेयक को पारित कराने से पहले केंद्र सरकार की अनुमति लेना जरूरी है तो फिर दिल्ली विधानसभा के चुनाव ही क्यों कराए गए?
दूसरी ओर, आप के नेताओं ने उपराज्यपाल नजीब जंग पर कांग्रेस के एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगाया जिससे नाराज कांग्रेस ने शुक्रवार को आप की निंदा की। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि आप के नेताओं और मंत्रियों को संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों की निंदा करने का कोई अधिकार नहीं है।
जंग के साथ कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद लवली ने कहा कि संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों पर सवाल उठाकर आप ने अपनी मानसिकता का परिचय दिया। आज आपने उपराज्यपाल की आलोचना की है तो कल आप राष्ट्रपति पर हमला बोलेंगे। ऎसा पहले कभी नहीं हुआ था।
दिल्ली मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत लोकपाल विधेयक पर जंग द्वारा सालिसीटर जनरल से राय मांगे जाने की खबर आम होने के बाद आप नेता आशुतोष ने उपराज्यपाल की आलोचना की। ज्ञात हो कि दिल्ली मंत्रिमंडल ने सोमवार को भ्रष्टाचार विरोधी दिल्ली लोकपाल विधेयक 2014 को स्वीकृति प्रदान की और कहा कि 16 फरवरी को इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित एक विशेष सत्र में इसे पारित किया जाएगा। लवली ने कहा कि कांग्रेस लोकपाल विधेयक का सदन में विरोध करेगी, क्योंकि यह “असंवैधानिक” है।
लवली ने कहा कि हम मजबूत लोकपाल विधेयक का समर्थन करते हैं लेकिन इस असंवैधानिक विधेयक का समर्थन नहीं करते। यह सरकार वैधानिक औपचारिकताओं को पूरी नहीं करती। इस सरकार को संविधान के मुताबिक काम करने की जरूरत है।