नई दिल्ली,एजेंसी- 6 फरवरी | बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में संसद के भीतर और बाहर सड़कों पर तेलंगाना का विरोध और समर्थन होता रहा। आंध्र प्रदेश से दोनों पक्षों के लोगों ने राज्य बंटवारे के विरोध में प्रदर्शन किया तो समर्थकों ने नया राज्य गठित किए जाने के समर्थन में नारेबाजी की।
आंध्र के विधायकों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया, जबकि बाधा पड़ने के कारण लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा की कार्यवाही सुबह जैसे ही शुरू हुई आंध्र प्रदेश के सांसदों ने तेलंगाना को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ सांसद तेलंगाना के समर्थन में तो कुछ इसके विरोध में नारे लगा रहे थे।
आंध्र प्रदेश के सीमांध्र (रायलसीमा और तटीय आंध्र) के सांसद तख्तियां लहराते रहे तो तेलंगाना क्षेत्र के सांसदों ने यथाशीघ्र पृथक राज्य की मांग की।
सरकार ने घोषणा की कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन से संबंधित विधेयक शीघ्र ही लोकसभा के मौजूदा सत्र में पेश किया जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से बार-बार शांति बरतने का अनुरोध किया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
पहले उन्होंने सदन को दोपहर तक और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
दूसरी ओर आंध्र प्रदेश के विभाजन का विरोध करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में मौन जुलूस निकाला।
बाद में किरण रेड्डी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात की और उन्हें अपने विचारों से अवगत कराया। सीमांध्र के सदस्यों ने राष्ट्रपति से कहा कि यह पहला मौका है जब एक राज्य के बंटवारे से संबंधित प्रस्ताव को विधानमंडल के दोनों सदनों ने खारिज किया है।
सीमांध्र के कांग्रेस के सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों ने भी मुख्यमंत्री के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से तेलंगाना राज्य के गठन से संबंधित विधेयक संसद में पेश नहीं करने की मांग की।
कांग्रेस नेतृत्व को धता बताते हुए मुख्यमंत्री और उनके समर्थकों ने पूरे दिन धरना दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंध्र प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों से खारिज आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2013 को संसद में पेश नहीं किया जाए।
केंद्रीय मंत्रियों के. एस. राव, पल्लम राजू, के. चिरंजीवी और डी. पुरंदेश्वरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण और बड़ी संख्या में सीमांघ्र क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
उन लोगों ने एकजुट आंध्र के समर्थन में नारे भी लगाए।
राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री जंतर मंतर पहुंचे।
वे और उनके समर्थक आंध्र भवन से बसों में सवार हो कर जंतर मंतर तक पहुंचे।
इस बीच तेलंगाना समर्थकों एवं प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई, जिसके चलते पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा।
बस पर सवार होते समय मुख्यमंत्री ने एकजुट आंध्र के समर्थन में नारे लगाए जबकि तेलंगाना क्षेत्र के उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और तेलंगाना क्षेत्र के अन्य नेताओं ने काफिले को रोकने का प्रयास किया।
एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “तेलंगाना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को अपना प्रदर्शन करने देने के लिए हमें तेलंगाना समर्थकों को मनाना पड़ा। तेलंगाना का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी जब राजघाट की ओर चले गए तब कहीं जाकर वे शांत हुए।”
तेलंगाना क्षेत्र के मंत्रियों ने पार्टी नेतृत्व की अवहेलना कर प्रदर्शन करने के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की।
एक मंत्री डी. के. अरुण ने कहा कि किरण रेड्डी का व्यवहार मुख्यमंत्री पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है।
इस बीच मुंबई में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि यदि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को बांटने के अपने एकतरफा फैसले पर अड़ी रहती है तो देश की एकता का क्या होगा?
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