नई दिल्ली, एजेंसी। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया, जिसमें मांग की गई थी कि अदालत सरकार को प्याज, आलू और अन्य सब्जियों की कीमतों को नियंत्रित करने का आदेश दे।
न्यायमूति बी.एस. चौहान और न्यायमूर्ति जे. चेलामेस्वर की पीठ ने कहा, ”प्याज खाना बंद कर दीजिए, कीमतें स्वयं कम हो जाएंगी। क्या अब हमारे पास कोई और काम नहीं है? क्या हमें सस्ते प्याज और आलू का प्रबंधन करना होगा।”
अदालत ने जनहित याचिकाकर्ता विष्णु प्रताप सिंह लंगावत को कहा कि न्यायालय पर ऐसे जनहित मामलों का बोझ नहीं डालें।
लंगावत ने अदालत से मांग की थी कि केंद्र सरकार को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू करने का निर्देश दें, खास कर प्याज, टमाटर और आलू के संदर्भ में।
याचिका में कहा गया था कि संसद ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में नियत आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन, आपूर्ति और वितरण नियंत्रित किए जाने का प्रावधान किया था।
इसमें कहा गया कि टमाटर, प्याज, आलू जैसी सब्जियों की कीमत बेतहाशा बढ़ने के बाद भी केंद्र सरकार ने इनकी कीमत नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया।
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